मगध प्राचीन भारत का एक जनपद था, जिसका अस्तित्व वैदिक काल में हुआ था। महाजनपद काल में मगध सबसे प्रमुख महाजनपद के रूप में उभरा। नंद वंश और मौर्य वंश के शासन काल में मगध भारतवर्ष के पहले साम्राज्य मे से एक बना।
मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। अभियान चिन्तामणि के अनुसार वैदिक काल में मगध को "कीकट" कहा गया है। गौतम बुद्ध के पूर्व बृहद्रथ वंश के बृहद्रथ तथा जरासंध यहाँ के प्रतिष्ठित राजा थे।
मगध महाजनपद की सीमा उत्तर में गंगा से दक्षिण में विन्ध्य पर्वत तक, पूर्व में चम्पा से पश्चिम में सोन नदी तक विस्तृत थीं। यह दक्षिणी बिहार में स्थित था, जो कालान्तर में उत्तर भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद बन गया। मगध की प्राचीन राजधानी राजगृह थी और बाद मे पाटलिपुत्र रही।
मगध पर शासन करने वाले शक्तिशाली मौर्य और गुप्त राजवंश मगध पर वैदिक काल से लेकर साम्राज्य काल तक कई राजवंशों ने शासन किया था, जो इस प्रकार हैं-
वैदिक कालीन मगध (ल. 1900 – 700 ई.पू) [ संपादित करें ] मगध राजवंश (ल. 1900 – 1700 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– मगध के प्राचीन शासकों की सूची क्रम-संख्या शासक शासन अवधि टिप्पणी 1 महाराजा मगध राजा मगध ने मगध साम्राज्य की स्थापना की। 2 महाराजा सुधन्वा कुरु द्वितीय का पुत्र सुधन्वा अपने मामा महाराजा मगध के बाद मगध का राजा बना। सुधन्वा राजा मगध का भतीजा था। 3 महाराजा सुधनु 4 महाराजा प्रारब्ध 5 महाराजा सुहोत्र 6 महाराजा च्यवन 7 महाराजा चवाना 8 महाराजा कृत्री 9 महाराजा कृति 10 महाराजा क्रत 11 महाराजा कृतग्य 12 महाराजा कृतवीर्य 13 महाराजा कृतसेन 14 महाराजा कृतक 15 महाराजा प्रतिपदा महाराजा उपरिचर वसु के पिता। 16 महाराजा उपरिचर वसु बृहद्रथ के पिता और राजवंश के अंतिम राजा थे।
बृहद्रथ राजवंश (ल. 1700 – 682 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– मगध के बृहद्रथ राजवंश के शासकों की सूची क्रम-संख्या शासक शासन अवधि (ई.पू में) टिप्पणी 1 महाराजा बृहद्रथ ल. 1700–1680 राजा बृहद्रथ ने मगध साम्राज्य की स्थापना की। 2 महाराजा जरासंध ल. 1680–1665 राजा बृहद्रथ का पुत्र और राजवंश के सबसे शक्तिशाली शासक, भीम द्वारा वध कर दिया गया। 3 महाराजा सहदेव ल. 1665–1661 राजा जरासंध का पुत्र, पांडवों के अधीन शासन किया। 4 महाराजा सोमधि ल. 1661–1603 राजा सहदेव का पुत्र 5 महाराजा श्रुतसरवास ल. 1603–1539 6 महाराजा अयुतायुस ल. 1539–1503 7 महाराजा निरामित्र ल. 1503–1463 8 महाराजा सुक्षत्र ल. 1463–1405 9 महाराजा बृहतकर्मन ल. 1405–1382 10 महाराजा सेनाजीत ल. 1382–1332 11 महाराजा श्रुतंजय ल. 1332–1292 12 महाराजा विप्र ल. 1292–1257 13 महाराजा सुची ल. 1257–1199 14 महाराजा क्षेम्य ल. 1199–1171 15 महाराजा सुब्रत ल. 1171–1107 16 महाराजा धर्म ल. 1107–1043 17 महाराजा सुसुम ल. 1043–970 18 महाराजा द्रिधसेन ल. 970–912 19 महाराजा सुमति ल. 912–879 20 महाराजा सुबाला ल. 879–857 21 महाराजा सुनीता ल. 857–817 22 महाराजा सत्यजीत ल. 817–767 23 महाराजा विश्वजीत ल. 767–732 राजा रिपुंजय के पिता 24 महाराजा रिपुंजय ल. 732–682 राजा रिपुंजय राजवंश के अंतिम राजा थे उनकी हत्या उनके प्रधानमंत्री पुलिक द्वारा कर दी गई और अपने पुत्र प्रद्योत को मगध का नया राजा बना दिया और प्रद्योत वंश की नीव रखी।
मगध महाजनपद (ल. 700 – 345 ई.पू) [ संपादित करें ] प्रद्योत राजवंश (ल. 682 – 544 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– प्रद्योत राजवंश के शासकों की सूची क्रम-संख्या शासक शासन अवधि (ई.पू) शासन वर्ष टिप्पणी 1. महाराजा प्रद्योत 682–659 23 रिपुंजय की हत्या करने के बाद राजवंश की स्थापना की। 2. महाराजा पलक 659–635 24 महाराजा प्रद्योत का पुत्र 3. महाराजा विशाखयूप 635–585 5 महाराजा पलक का पुत्र 4. महाराजा अजक (राजक) 585–564 21 महाराजा विशाखयूप का पुत्र 5. महाराजा वर्तिवर्धन 564–544 20 महाराजा अजक का पुत्र, वह राजवंश के अंतिम शासक थे और जिसे बिंबिसार द्वारा मगध की गद्दी से 544 ई.पू मे हटा दिया गया और हर्यक वंश की स्थापना की।
हर्यक राजवंश (ल. 544 – 413 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– हर्यक राजवंश के शासकों की सूची क्रम-संख्या शासक शासन अवधि (ई.पू) शासन वर्ष टिप्पणी 1. महाराजा बिम्बिसार 544–492 52 महाराजा वर्तिवर्धन की हत्या करने के बाद राजवंश की स्थापना की। 2. महाराजा अजातशत्रु 492–460 32 महाराजा बिम्बिसार का पुत्र 3. महाराजा उदयन 460–444 16 महाराजा अजातशत्रु का पुत्र 4. महाराजा अनिरुद्ध 444–440 4 5. महाराजा मुंडा 440–437 3 6. महाराजा दर्शक 437 कुछ महीने 7. महाराजा नागदशक 437–413 24 हर्यक वंश का अंतिम शासक, शिशुनाग द्वारा 412 ई.पू. मगध की गद्दी से हटा दिया गया।
शिशुनाग राजवंश (ल. 413 – 345 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– मगध साम्राज्य (ल. 345 – 28 ई.पू) [ संपादित करें ] नंद साम्राज्य (ल. 345 – 322 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– नंद राजवंश के शासकों की सूची क्रम-संख्या शासक शासन अवधि (ई.पू) टिप्पणी 1. महाराजा महापद्म नन्द ल. 345/344 ई.पू. से शासन किया 345 ई.पू मे राजवंश की स्थापना की। 2. महाराजा पंडुकनन्द एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 3. महाराजा पाङुपतिनन्द एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 4. महाराजा भूतपालनन्द एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 5. महाराजा राष्ट्रपालनन्द एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 6. महाराजा गोविषाणकनन्द एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 7. महाराजा दशसिद्धकनन्द एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 8. महाराजा कैवर्तनन्द एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 9. महाराजा कार्विनाथ नंद एक वर्ष शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र 10. महाराजा धनानंद ल. 322 ई.पू. तक शासन किया महापद्म नन्द का पुत्र और नंद वंश का अंतिम शासक, चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा 322 ई.पू. मगध की गद्दी से हटा दिया गया।
मौर्य साम्राज्य (ल. 322 – 185 ई.पू.) [ संपादित करें ] शासकों की सूची – शुंग साम्राज्य (ल. 185 – 73 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– कण्व साम्राज्य (ल. 73 – 28 ई.पू) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– शुंग साम्राज्य के शासकों की सूची क्रम-संख्या शासक शासन अवधि (ई.पू) टिप्पणी 1. सम्राट वासुदेव कण्व 73–66 देवभूति की हत्या करने के बाद राजवंश की 73 ई.पू स्थापना की। 2. सम्राट भूमिमित्र कण्व 66–52 सम्राट वासुदेव का पुत्र 3. सम्राट नारायण कण्व 52–40 सम्राट भूमिमित्र का पुत्र 4. सम्राट सुषरमन कण्व 40–28 अंतिम शासक, सातवाहन साम्राज्य के प्रवर्तक शिमुक ने हत्या कर दी।
पूर्व-मध्यकालीन मगध साम्राज्य (ल. 275 – 750 इस्वी) [ संपादित करें ] गुप्त साम्राज्य (ल. 275 – 550 इस्वी) [ संपादित करें ] शासकों की सूची– उत्तर गुप्त राजवंश (ल. 500 – 750 ईस्वी) [ संपादित करें ] शासकों की सूची–