दीर्घतमस यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें।देवासं दीर्घतमस एक प्राचीन ऋषि थे। उनकी ऋग्वेद की जिनकी दार्शनिक ऋचाएँ प्रसिद्ध हैं। वे ऋग्वेद के प्रथम मण्डल के १४० से लेकर १६४ तक के सूक्तों के रचयिता हैं। देवासंऋग्वेदमंडल 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 देवता देवता अग्नि इंद्र सोम उषस् विश्वेदेव मरुत अश्विनीकुमार त्वष्ट्र ऋभु पूषन् रुद्र मित्र मित्र वरुण वरुण अर्यमन अपाम नपात असुर वृत्र सुस्न दासा दनु दानव नदियाँ नदिस्तुति सूक्त सप्त सिन्धु सरस्वती सिंधु सरयू रसा यव्यवती दृशद्वती ऋषि सप्तर्षि गृत्समद विश्वामित्र वामदेव अत्रि अंगिरा भारद्वाज ऋषि वशिष्ठ दीर्घतमस