कोहरा
कोहरा प्रायः ठंडी आर्द्र हवा में बनता है और इसके अस्तित्व में आने की प्रक्रिया [mohit बादलों]] जैसी ही होती है। गर्म हवा की अपेक्षा ठंडी हवा अधिक नमी लेने में सक्षम होती है और वाष्पन के द्वारा यह नमी mohit
है। ये वह बादल होता है जो भूमि के निकट बनता है। यानि एक बादल का वह भाग जो भूमि के ऊपर हवा में ठहरा हुआ हो कोहरा नहीं होता बल्कि बादल का वह भाग जो ऊपरी भूमि के संपर्क में आता है, कोहरा कहलाता है। इसके अतिरिक्त कोहरा कई अन्य तरीकों से भी बनता है। लेकिन अधिकांश कोहरे दो श्रेणियों, एडवेक्शन फॉग और रेडिएशन फॉग में बदल जाते हैं। दोनों ही प्रकार में कोहरा आम हवा से अधिक ठंडा महसूस होता है। ऐसा उसमें भरी हुई नमी के कणों के कारण होता है।
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/5/50/20080313_Foggy_Street.jpg/220px-20080313_Foggy_Street.jpg)
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/9/99/Golden_Gate_Bridge_and_fog.jpg/220px-Golden_Gate_Bridge_and_fog.jpg)
एडवेक्शन फॉग तब बनता है जब गर्म हवा का एक विशेष हिस्सा किसी नम प्रदेश के ऊपर पहुंचता है। कई बार कोहरा काफी घना भी होता है जिससे दूर देखने में परेशानी महसूस होती है। समुद्र किनारे रहने वाले लोग एडवेक्शन फॉग से परिचित होते हैं।
रेडिएशन फॉग तब बनता है जब धरती की ऊपरी परत ठंडी होती है। ऐसा प्रायः शाम के समय होता है। धरती की ऊपरी परत ठंडी होने के साथ ही हवा भी ठंडी हो जाती है, जिस कारण कोहरा उपजता है।
कोहरा कई पहाड़ी घाटियों में भी छाता है। वहां ऊपरी गर्म हवा ठंडी हवा को जमीन के निकट रखती है। ऐसा कोहरा प्रायः सुबह के समय होता है। सूरज निकलने के बाद ठंडी हवा गर्म होती है और ऊपर उठती है। इसके बाद से कोहरा छंटना शुरू हो जाता है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- गोल्डन गेट सेतु कुहरे में
- कुहरे में धूप की किरणें
- राइन नदी घाटी में कुहरा
- भूमि पर कुहरा
- धूप और कुहरे में तुलना